बेटियों की जगह बेटों को विदा करो फिर देखो अगर 15 दिन में अम्मा याद ना आजाए तो फिर कहना
यह आदर्शों का ठेका जो है ना सिर्फ लड़कियों के ऊपर ठोक देते हैं ऐसे लोगों के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए और कम से कम दो साल बा मशक्कत रिमांड के साथ में जेल में रखा जाए और इनसे वह हर काम कराया जाए जो एक हाउसवाइफ करती है
अगर मेरी इस बात से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं किसी के बाप से माफी मांगने वाला नहीं है जो करना है कर लो और यह इन बातों का सिर्फ नपुंसक लोगों को ही बुरा लगेगा जो पैदाइशी नपुंसक है जो सिर्फ औरतों को परेशान करने के लिए ही पैदा हुए हैं पता नहीं समाज ऐसे लोगों को क्यों इज्जत देता है जो औरतों को परेशान करते हैं अपनी बहुओं को परेशान करते हैं अगर बेटी खुश है तो दामाद अच्छा मिला है अगर बहू खुश है तो इनकी अम्मा याद आ जाती है कि बहू ने हमारे बेटे को अपने बस में कर लिया

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