Tuesday, October 29, 2019

1G, 2G, 3G, 4G का मतलब क्या होता है?


1. 1जी टेक्नोलॉजी एनालॉग सिग्नल पर आधारित थी जिसमें कुछ खामियॉ भी थीं जैसे- मोबाइल में खराब आवाज आना, मोबाइल हैण्‍डसेट का बडा आकार और वजन। साथ ही इसमें डेटा की रफ्तार बहुत कम थी केवल 2.4 kbps, यानि अगर एक 4-5MB का गाना डाउनलोड करना हो तो भी घण्‍टों लग जायें।
2. इन खामियों को दूर किया 2जी टेक्नोलॉजी ने यानि वायरलैस मोबाइल फोन की दूसरी जनरेशन ने। यह तकनीक डिजीटल सिग्नल पर आधारित थी, इससे आप फोनकॉल के साथ-साथ इंटरनेट का आनंद भी आराम से ले सकते थे लेकिन 2जी की डाटा ट्रांसफर स्‍पीड 236 kbps है, जिससे पिक्चर मैसेज, टेक्स मैसेज और मल्टीमीडिया मैसेज बडें आराम से भेजे जा सकते हैं। लेकिन वीडियो कॉल, वीडियो कांफ्रेसिंग और मोबाइल टेलीविजन के मामले में 2जी सफल नहीं है।
3. 3जी की इसकी डाटा ट्रांसफर स्‍पीड 21 mbps थी, जो 2जी के मुकाबले बहुत ज्‍यादा है। इसनें मोबाइल यूजर्स के लिये वीडियो कॉल, वीडियो कांफ्रेसिंग और मोबाइल टेलीविजन के रास्‍ते खोल दिये। विज्ञापनों में भी 3जी के इसी फीचर को दिखाया जाता था, 3जी के आने के बाद मोबाइल और लैपटॉप के लिये स्‍पेशल ऑनलाइन टीवी एप्‍लीकेशन आने लगीं, साथ ही साथ फोन में फ्रंट फेसिंग कैमरा भी आने लगा वीडियो कॉल करने के लिये। जिससे आजकल आप सेल्फ़ी (Selfie) लेते हो। लेकिन याद रहे कि ये सेल्फ़ी वाला कैमरा 3जी की देन है।
4. आपकाे जानकर आश्‍चर्य होगा कि 2015 में आने वाली इस 4 जी टेक्नोलॉजी की शुरूआती साल 2000 में ही हो गयी थी। वैसे यह तकनीक 3जी के मुकाबले लगभग 5-10 गुना तेज है यानि इसमें इंटरनेट की स्‍पीड 100 Mbps है । यानि स्मार्टफोन पर बिना बफरिंग के टीवी देखना, विडियो कॉल करना, मूवी, सॉफ्टवेयर, गेम्‍स डाउनलोड करना बहुत आसान हो गया है


मैं  हु आपका अपना दोस्त आज़ाद ज़ी 

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Thursday, October 24, 2019

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Monday, September 23, 2019

सभी ईमानदार डॉक्टर्स से क्षमा सहित प्रार्थना


आपके पिता जी को "हार्ट अटैक" हो गया...
डॉक्टर कहता है Streptomycin इंजेक्शन ले के आओ...
9000 रु का... इंजेक्शन की असली कीमत 700 - 900 रु के बीच है... पर उसपे MRP 9000 का है।
आप क्या करेंगे??
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आपके बेटे को टाइफाइड हो गया...
डॉक्टर ने लिख दिया कुल 14 Monocef लगेंगे।
होलसेल दाम 25 रु है.
अस्पताल का केमिस्ट आपको 53 रु में देता है...
आप क्या करेंगे??
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आपकी माँ की किडनी फेल हो गयी है...
हर तीसरे दिन Dialysis होता है...
Dialysis के बाद एक इंजेक्शन लगता है (नाम मुझे मालूम नहीं)
MRP शायद 1800 रु है।
आप सोचते हैं की बाज़ार से होलसेल मार्किट से ले लेता हूँ।
पूरा हिन्दुस्तान आप खोज मारते हैं, कही नहीं मिलता... क्यों?
कम्पनी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर को सप्लाई देती है।
इंजेक्शन की असली कीमत 500 है पर डॉक्टर अपने अस्पताल में MRP पे यानि 1800 में देता है...
आप क्या करेंगे ??
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आपके बेटे को इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर ने जो Antibiotic लिखी वो 540 रु का एक पत्ता है.
वही salt किसी दूसरी कम्पनी का 150 का है और जेनेरिक 45 रु का...
पर केमिस्ट आपको मना कर देता है... नहीं जेनेरिक हम रखते ही नहीं, दूसरी कम्पनी की देंगे नहीं...
वही देंगे जो डॉक्टर साहब ने लिखी है... यानी 540 वाली?
आप क्या करेंगे??
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बाज़ार में Ultrasound 750 रु में होता है...
चैरिटेबल डिस्पेंसरी 240 रु में करती है।
750 में डॉक्टर का कमीशन 300 रु है।
MRI में डॉक्टर का कमीशन 2000 से 3000 के बीच है।
डॉक्टर और अस्पतालों की ये लूट, ये नंगा नाच बेधड़क बेखौफ्फ़ देश में चल रहा है।
Pharmaceutical कम्पनियों की lobby इतनी मज़बूत है की उसने देश को सीधे सीधे बंधक बना रखा है।
स्वास्थय मंत्रालय और सरकार एकदम लाचार है।
डॉक्टर्स और दवा कम्पनियां मिली हुई हैं।
दोनों मिल के सरकार को ब्लैकमेल करते हैं...
सरकार पूरी तरह लाचार है? या नकारा? नपुंसक ?
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सबसे बडा यक्ष प्रश्न...
मीडिया दिन रात क्या दिखाता है
गड्ढे में गिरा प्रिंस...
बिना ड्राईवर की कार,
लाल किताब बेचता है,
राखी सावंत, Bigboss
सास बहू और साज़िश,
सावधान, क्राइम रिपोर्ट,
Cricketar की Girl friend,
समोसे के साथ बाबाजी की हरी चटनी,
ये सब दिखाता है किंतु...
Doctors, Hospitals और Pharmaceutical कम्पनियों की ये खुली लूट क्यों नहीं दिखाता?
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मीडिया नहीं दिखाएगा तो कौन दिखाएगा ?
मेडिकल Lobby की दादागिरी कैसे रुकेगी ?
इस Lobby ने सरकार को लाचार कर रखा है।
media क्यों चुप है ?
क्या मीडिया को भी खरीद लिया है फार्मा कंपनी ओने ?
2000 रु मांगने पर ऑटो वाले को तो आप कालर पकड़ के मारेंगे चार झापड़...
डॉक्टर साहब का क्या करेंगे??
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यदि आपको ये सत्य लगता है तो करदो फ़ॉरवर्ड सबको।
जागरूकता लाइए और दूसरों को भी जागरूक बनाने में अपना सहयोग दीजिये।
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Friday, September 6, 2019

उस्तादों के भी उस्ताद होते है




गुरु केवल वह नहीं होता जो हमको कक्षा में पढ़ता है
वो हर इंसान गुरु है जो हमको कुछ ना कुछ  सीखते है वो
गुरु है 

Thursday, September 5, 2019

सही और गलत में फैसला

सही और गलत में फैसला करना बहुत आसान आसान है
मगर दो सही रस्तो में से एक बेहतर रास्ता चुनना बहुत मुशकिल

Thursday, August 29, 2019

बेटियों की जगह बेटों को विदा करो

बेटियों की जगह बेटों को विदा करो फिर देखो अगर 15 दिन में अम्मा याद ना आजाए तो फिर कहना
यह आदर्शों का ठेका जो है ना सिर्फ लड़कियों के ऊपर ठोक देते हैं ऐसे लोगों के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए और कम से कम दो साल बा मशक्कत रिमांड के साथ में जेल में रखा जाए और इनसे वह हर काम कराया जाए जो एक हाउसवाइफ करती है
अगर मेरी इस बात से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं किसी के बाप से माफी मांगने वाला नहीं है जो करना है कर लो और यह इन बातों का सिर्फ नपुंसक लोगों को ही बुरा लगेगा जो पैदाइशी नपुंसक है जो सिर्फ औरतों को परेशान करने के लिए ही पैदा हुए हैं पता नहीं समाज ऐसे लोगों को क्यों इज्जत देता है जो औरतों को परेशान करते हैं अपनी बहुओं को परेशान करते हैं अगर बेटी खुश है तो दामाद अच्छा मिला है अगर बहू खुश है तो इनकी अम्मा याद आ जाती है कि बहू ने हमारे बेटे को अपने बस में कर लिया

अपने टैलेंट का प्रमाण पत्र लेकर सोसाइटी में झंडा गाड़ने निकले हो

मैटर नहीं रखता कि कौन तुम्हें जानता है या तुम किस को जानते हो मैटर करता है कि तुम क्या जानते हो कहां तक जानते हो

Wednesday, August 28, 2019

मुसीबते हमारी ज़िंदगी की एक सच्चाई है।

कोई इस बात को समझ लेता है तो कोई पूरी ज़िंदगी इसका रोना रोता है। ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमारा सामना मुसीबतों/problem से होता है. इसके बिना ज़िंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती।


अक्सर हमारे सामने मुसीबते आती है तो तो हम उनके सामने पस्त हो जाते है। उस समय हमे कुछ समझ नहीं आता की क्या सही है और क्या गलत। हर व्यक्ति का परिस्थितियो को देखने का नज़रिया अलग अलग होता है। कई बार हमारी ज़िंदगी मे मुसीबतों का पहाड़ टूट पढ़ता है। उस कठिन समय मे कुछ लोग टूट जाते है तो कुछ संभाल जाते है।


मनोविज्ञान के अनुसार इंसान किसी भी PROBLEM को दो तरीको से देखता है;

1 problem पर focus करके(problem focus peoples)
2 solution पर focus करके(solution focus peoples)
Problem focus peoples अक्सर मुसीबतों मे ढेर हो जाते है। इस तरीके के इंसान किसी भी मुसीबत मे उसके हल के बजाये उस मुसीबत के बारे मे ज्यादा सोचते है। वही दूसरी ओर solution focus peoples मुसीबतों मे उसके हल के बारे मे ज्यादा सोचते है। इस तरह के इंसान मुसीबतों का डट के सामना करते है।
दोस्तो आज मै आपके साथ एक महान solution focus इंसान की कहानी शेयर करने जा रहा हु जो आपको किसी भी मुसीबत से लड़ने के लिए प्रोत्साहित (motivate) करेगी। दोस्तो आपने नेपोलियन बोनापार्ट (napoleon Bonaparte) का नाम तो सुना ही होगा। जी हा वही नापोलियन बोनापार्ट जो फ़्रांस के एक महान निडर और साहसी शासक थे जिनके जीवन मे असंभव नाम का कोई शब्द नहीं था। इतिहास में नेपोलियन को विश्व के सबसे महान और अजय सेनापतियों में से एक गिना जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से माने जाते थे । उसके सामने कोई रुक नहीं पाता था।

नेपोलियन के बुलंद होसलों की कहानी- A MOTIVATIONAL STORY IN HINDI FOR PROBLEM SOLVING


नेपोलियन अक्सर जोखिम (risky) भरे काम किया करते थे। एक बार उन्होने आलपास पर्वत को पार करने का ऐलान किया और अपनी सेना के साथ चल पढे। सामने एक विशाल और गगनचुम्बी पहाड़ खड़ा था जिसपर चढ़ाई करने असंभव था। उसकी सेना मे अचानक हलचल की स्थिति पैदा हो गई। फिर भी उसने अपनी सेना को चढ़ाई का आदेश दिया। पास मे ही एक बुजुर्ग औरत खड़ी थी। उसने जैसे ही यह सुना वो उसके पास आकर बोले की क्यो मरना चाहते हो। यहा जितने भी लोग आये है वो मुह की खाकर यही रहे गये।
अगर अपनी ज़िंदगी से प्यार है तो वापिस चले जाओ। उस औरत की यह बात सुनकर नेपोलियन नाराज़ होने की बजाये प्रेरित हो गया और झट से हीरो का हार उतारकर उस बुजुर्ग महिला को पहना दिया और फिर बोले; आपने मेरा उत्साह दोगुना कर दिया और मुझे प्रेरित किया है। लेकिन अगर मै जिंदा बचा तो आप मेरी जय-जयकार करना।
अंत मे एक बात हमेशा याद रखिये;
जिंदगी में मुसीबते चाय के कप में जमी मलाई की तरह है,
और कामयाब वो लोग हैं जिन्हे फूँक मार के मलाई को साइड कर चाय पीना आता है

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Tuesday, August 27, 2019

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